3 4 gambling act is bailable or non bailable in hindi

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जआ अधनयम 1956 क अतरगत धर 3 और 4 म जमनत यगय अपरध ह य नह?जआ अधनयम, 1956 भरत म जआ स सबधत गतवधय क नयतरत करत ह इस अधनयम म कई धरए ह ज जआ खलन क वभनन परकर स सबधत ह धर 3 जआ खलन क लए सरवजनक सथन य आम सथन क बनए रखन य उपयग करन क लए दडनय अपरध नरदषट करत ह धर 4 जआ खलन य कस अनय जआ सबध गतवध म भग लन क लए कस भ सथन य इमरत क उपयग करन स सबधत हइन धरओ क अतरगत कए गए अपरध क सबध म, यह जनन महतवपरण ह क व जमनत यगय ह य नह जमनत एक कनन परकरय ह जसम आरप क जमनत क बदल म रह कय जत ह, जब तक क उनक खलफ आरप पर मकदम नह चलत जमनत यगय अपरध ऐस अपरध ह जनक लए आरप क जमनत द ज सकत ह जबक गरजमनत यगय अपरध ऐस अपरध ह जनक लए आरप क जमनत नह द ज सकत ह और उनह जल म ह रहन पडत हजआ अधनयम 1956 क धर 3 और 4 क तहत कए गए अपरध जमनत यगय ह इसक मतलब ह क आरप क जमनत द ज सकत ह हलक, जमनत क अनमत दन य न दन क अतम नरणय नययलय लत ह नययलय कई करक पर वचर करत ह, जस क अपरध क गभरत, आरप क परव रकरड, और आरप दवर भगन क खतरयह महतवपरण ह क धयन द क जआ अधनयम 1956 क तहत सभ अपरध जमनत यगय नह ह कछ गभर अपरध, जस क सगठत जआ, गरजमनत यगय ह सकत ह यद आप जआ अधनयम 1956 क तहत आरप क समन कर रह ह, त एक वकल स सलह लन महतवपरण ह एक वकल आपक अधकर और वकलप क समझन म आपक मदद कर सकत ह

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